कोरोना वायरस शरीर को यूं करता है तबाह
बीते साल दिसंबर में सबसे पहले चीन में कोरोना वायरस कोविड 19 के मामले सामने आए.
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इसके बाद ये तेज़ी से दुनिया भर के 140 से अधिक देशों में फैला और विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसे महामारी घोषित करना पड़ा.
कोरोना वायरस, इंसानों में कोविड 19 नाम की एक बीमारी देता है.
हालांकि इसके शुरुआती लक्षण बेहद मामूली होते हैं लेकिन इससे लोगों की जान भी जा सकती है.
ये वायरस किस तरह शरीर पर हमला करता है? इसका इलाज किस तरह किया जाता है और क्यों कई ऐसे लोगों की इससे मौत हुई जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा था?
वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड
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आधिकारिक तौर पर पैन्डेमिक कोरोना वायरस का नाम सार्स सीओवी-2 है (Sars-CoV-2). इन्क्यूबेशन पीरियड संक्रमण और लक्षण दिखने के बीच का वक़्त होता है.
ये वो वक़्त होता है जब वायरस इंसान के शरीर में जम जाता है.
शरीर के भीतर जाने के बाद ये वायरस इंसान के लिए सांस लेने में तकलीफ़ पैदा कर सकता है. इसका पहला हमला आपके गले के आसपास की कोशिकाओं पर होता है.
इसके बाद सांस की नली और फेफड़ों पर हमला करता है. यहां ये एक तरह की "कोरोना वायरस फैक्ट्रियां" बनाता है. यानी यहां अपनी संख्या बढ़ाता है.
नए कोरोना वायरस बाक़ी कोशिकाओं पर हमले में लग जाते हैं. शुरुआती दौर में आप बीमार महसूस नहीं करते. हालांकि कुछ लोगों में संक्रमण के शुरुआती वक़्त से ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं.
वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड भी लोगों में अलग-अलग हो सकता है. औसतन ये पाँच दिन का होता है.

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