आप क्या जानते है ड्रोन कैसे काम करता है और ड्रोन टेक्नोलॉजी के बारे में?

आप क्या जानते है ड्रोन कैसे काम करता है और ड्रोन टेक्नोलॉजी के बारे में?


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हिंदी में ड्रोन का अर्थ:
Drone शब्द के कई भिन्न अर्थ हैं और यह पुराने अंग्रेजी शब्द ड्रान से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘नर मधुमक्खी’। लेकिन जब एक बिजली के डिवाइस के रूप में एक ड्रोन के बारे में बात करते हैं, तो हम मिसाइल या रिमोट-कंट्रोल पायलट विरहित विमानों के बारे में सोचते हैं।
Aviation और Space में, एक ड्रोन किसी बिना पायलट के विमान या अंतरिक्ष यान को रेफर करता है। इसके लिए एक अन्य शब्द हैं, और वह हैं “Unmanned Aerial Vehicle” या UAV है।

Definition of Drone in Hindi:

एक मानव रहित विमान या जहाज, जो स्वायत्तता से मानव नियंत्रण के बिना या दृष्टि की रेखा से परे, नेविगेट कर सकता हैं।
एक और इस्तेमाल की जाने वाली डेफिनेशन है: “ड्रोन किसी भी मानव रहित विमान या जहाज है जो दूर से कंट्रोल किया जाता है”।

What is Drone in Hindi:

हिन्दी में ड्रोन क्या है:
ड्रोन, तकनीकी संदर्भ में, एक मानव रहित विमान है। ड्रोन अधिक औपचारिक रूप से मानव रहित हवाई वाहनों Unmanned Aerial Vehicle (UAV) या मानव रहित विमान सिस्‍टम Unmanned Aircraft Systems (UAS) के रूप में जाना जाता है।
मूलतः, ड्रोन एक फ्लाइंग रोबोट है। एयरक्राफ्ट्स को रिमोटली कंट्रोल किया जा सकता है या ऑन-बोर्ड सेंसर और जीपीएस के साथ मिलकर काम कर रहे अपने एम्बेडेड सिस्टम में सॉफ़्टवेयर-कंट्रोल फ़्लाइट प्लान के जरिए स्वनियोजित रूप से उड़ सकता है।
वे एरियल वाहन हैं जो कई साइज़, शेप्‍स और फंक्‍शन में आते हैं, जो जमीन से रिमोट या कंट्रोल सिस्‍टम द्वारा कंट्रोल होते हैं। इन्हें आमतौर पर उन कार्यों को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाता है जिसमें मानव उड़ान को जोखिम भरा माना जाता है। ड्रोन ज्यादातर सैन्य सेवाओं में उपयोग करते हैं, लेकिन अब खोज और बचाव, मौसम विश्लेषण आदि जैसे विभिन्न पब्लिक कार्यों में इनका उपयोग किया जाने लगा हैं।

History of Drone in Hindi:

पहले पायलटलेस वाहनों को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बनाया गया था। ये शुरुआती मॉडल कैटबल्ट द्वारा लॉन्च किए गए या रेडियो कंट्रोल का इस्तेमाल करके उड़ गए। जनवरी 1918 में, अमेरिकी सेना ने एरियल टारपीडो का प्रॉडक्‍शन शुरू किया। डेवलप किया गया मॉडल, केटरिंग बग, कुछ परीक्षणों में सफलतापूर्वक उड़ाया गया था, लेकिन आगे डेवलप होने से पहले युद्ध समाप्त हो गया।
ग्रुह युद्ध अवधि के दौरान मानव रहित विमान का विकास और परीक्षण जारी रखा गया। 1935 में ब्रिटिश ने प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए लक्ष्य के रूप में कई रेडियो-कंट्रोल विमान का उत्पादन किया। ऐसा लगता है कि इस समय ‘ड्रोन’ शब्द का उपयोग शुरू किया गया था, जो इन मॉडलों में से एक के नाम से प्रेरित था, DH.82B Queen Bee। रेडियो-कंट्रोल ड्रोन संयुक्त राज्य में भी निर्मित किए गए थे और टार्गेट प्रैक्टिस और ट्रैनिंग के लिए उनका उपयोग किया गया था।
वियतनाम युद्ध में बड़े पैमाने पर जासूसी UAV तैनात किए गए थे। ड्रोन का इस्तेमाल कई नई भूमिकाओं में भी किया जाने लगा, जैसे कि युद्ध में फन्दे के रूप में, निश्चित लक्ष्यों पर मिसाइलों को लॉन्च करने और मनोवैज्ञानिक कार्यों के लिए।
वियतनाम युद्ध के बाद ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर अन्य देशों ने मानव रहित एरियल टेक्नोलॉजी का एक्‍सप्‍लोर होना शुरू हुआ। नए मॉडल अधिक परिष्कृत बने, बेहतर धीरज और अधिक ऊंचाई बनाए रखने की क्षमता के साथ। हाल के वर्षों में जिन मॉडलों को डेवलप किया गया है, उनमें लंबी उड़ानों में ईंधन भरने की समस्या से निपटने के लिए सौर ऊर्जा जैसे तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
2012 के अंत में, वायर्ड पत्रिका के मुख्य संपादक क्रिस एंडरसन ने अपने ड्रोन कंपनी, 3 डी रोबोटिक्स इंक में खुद को समर्पित करने के लिए सेवानिवृत्त कर दिया। कंपनी, जो शौकीन व्यक्तिगत निजी ड्रॉन्स में विशेषज्ञता प्राप्त करती थी, अब फोटोग्राफी और फिल्म कंपनियों के निर्माण के लिए इसका समाधान करती है।
2013 के अंत में, डिलीवरी एक्टिविटीज के लिए कमर्शियल ड्रोन का इस्तेमाल करने कि घोषणा करने में Amazon पहले ऑर्गनाइज़ेशन में से एक था।

Types of Drones in Hindi:

“ड्रोन” को कई अलग-अलग केटेगरी पर क्‍लासीफाइ किया जा सकता है- जैसे इनके साइज और उपयोग के आधार पर।

A) Types of Drones Based on Size:

साइज के आधार पर ड्रोन के प्रकार:
1) Very Small Drones (Nano):
Nano Drone- Drone in Hindi
ये ड्रोन आमतौर पर आकार में बहुत छोटे होते हैं और बहुत छोटी जगहों में फिट होने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। वे एक कीट के रूप में छोटे और लंबाई और चौड़ाई में केवल कुछ सेंटीमीटर हो सकते हैं। इन ड्रोन को आमतौर पर जासूसों द्वारा लोगों और चीजों पर खुफिया नज़र रखने के लिए उपयोग किया जाता है, क्योंकि वे आसानी से दिखाई नहीं देते।

2) Small Drones:
Small Drones- Drone in Hindi
ये ड्रोन भी छोटे हैं, लेकिन वे नैनो ड्रोन जितने छोटे नहीं होते। आम तौर पर, इन्हें आसानी से अपने हाथों का उपयोग करके उठाया जा सकता है और हवा में फेंक दिया जाता है और फिर वे अपने दम पर चलते हैं। आमतौर इनकी साइज लंबाई में दो मीटर से अधिक नहीं होती।

3) Medium Drones:
 Medium Drones- Drone in Hindi
ये ड्रोन स्‍मॉल ड्रोनों की तुलना में बहुत बड़े है, लेकिन छोटे एयरक्राफ्ट्स की तुलना में थोड़े छोटे होते है। उनका वज़न 200 किलोग्राम तक हो सकता हैं और उन्हें दो लोगों के सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है ताकि उन्हें हवा में उतारा जा सके, जिसके बाद वे स्वयं ही उड़ते हैं।

4) Large Drones:
Large Drones- Drone in Hindi
बड़े ड्रोन आमतौर पर बड़े होते हैं और छोटे एयरक्राफ्ट्स के आकार से मेल खा सकते हैं। वे मुख्य रूप से युद्ध के क्षेत्रों में विशेष उच्चस्तरीय निगरानी रखने के लिए सेना द्वारा उपयोग किए जाते हैं। आम तौर पर, इन ड्रोनों पर सेना इनपर शक्तिशाली कैमरे लगाते हैं जो आकाश में बहुत ऊंचाई से तस्वीरें ले सकते सकते हैं।

B) Types of Drones Based on Aerial Platform:

एरियल प्लेटफार्म के आधार पर ड्रोन के प्रकार:
एरियल प्लेटफार्म के आधार पर, 4 प्रमुख प्रकार के ड्रोन हैं।

1) Multi Rotor Drones:
Multi Rotor Drones- Drone in Hindi
मल्‍टी रोटर ड्रोन आमतौर पर बहुत स्थिर होते हैं और वे लंबे समय तक हवा में एक स्थिर स्थिति बनाए रखने के लिए जाने जाते हैं। वे कई मोटर्स के साथ डिज़ाइन किए गए होते हैं जो उन्हें हवा में रहने और स्थिरता रखने में मदद करते हैं। इस कारण से, मुख्य रूप से उनका उपयोग हवाई निगरानी और फोटोग्राफी के लिए किया जाता है।
मल्टी रोटर ड्रोन सबसे कॉमन टाइप के ड्रोन हैं जिनका उपयोग प्रोफेशनल और शौकियों द्वारा समान रूप से किया जाता है। वे हवाई फोटोग्राफी, हवाई वीडियो निगरानी आदि जैसे सबसे आम ऐप्‍लीकेशन के लिए उपयोग किया जाते है।
मल्टी-रोटर ड्रोन को प्लेटफार्म पर रोटार की संख्या के आधार पर आगे वर्गीकृत किया जा सकता है। वे Tricopter (3 रोटार), Quadcopter (4 रोटार), Hexacopter (6 रोटार) और Octocopter (8 रोटार) हैं। इनमें से, Quadcopters सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला वर्जन हैं।

2) Fixed Wing:
Fixed Wing Drone- Drone in Hindi
फिक्स्ड विंग ड्रोन को एयरप्‍लेन के समान डिज़ाइन किया जाता है और इस कारण से, वे हवा में स्थिर स्थिति बनाए नहीं रख सकते हैं। वे हमेशा अपने निर्धारित उड़ान पथ पर निरंतर गतिशील रहते हैं, जब तक उनमें पॉवर होती है।
ज्यादातर फिक्स्ड विंग ड्रोन के पास कुछ घंटों का औसत उड़ान समय है। गैस इंजन संचालित ड्रोन 16 घंटे या अधिक तक उड़ सकते हैं।

3) Single Rotor:
Single Rotor Drone- Drone in Hindi
सिंगल रोटर ड्रोन, डिजाइन और संरचना में वास्तविक हेलीकॉप्टर के समान दिखते हैं। एक मल्टी रोटर ड्रोन के विपरीत, एक सिंगल रोटार मॉडल में सिर्फ एक बड़े आकार का रोटर है और उसके हेडिंग को कंट्रोल करने के लिए ड्रोन की पूंछ पर एक छोटी साइज का रोटर होता है।
सिंगल रोटर ड्रोन मल्‍टी रोटर वर्जन की तुलना में काफी कुशल होते हैं। सिंगल रोटर ड्रोन को उनके विभिन्न क्षमताओं के कारण मल्टी रोटर ड्रोन से बेहतर माना जाता है। वे एक रेखीय पथ के साथ उड़ सकते हैं, वे मल्‍टी-रोटर ड्रोन से अधिक उड़ सकते हैं और एक स्थिर स्थिति में भी तैनात हो सकते हैं।

C) Types of Drones Based on Abilities:

क्षमताओं के आधार पर ड्रोन के प्रकार

1) Quadcopters:
Quadcopters Drone- Drone in Hindi
क्वाडकोपर चार रोटार के साथ डिज़ाइन किए गए जाते हैं जो कि एक स्क्वायर पैटर्न में अरेंज होते हैं और बाजार में सबसे कॉमन टाइप के ड्रोन हैं। इन ड्रोन को मुख्य रूप से मनोरंजक प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है लेकिन अन्य लोग इसे प्रोफेशनल और आधिकारिक प्रयोजनों के लिए अक्सर उपयोग करते हैं।

2) GPS Drones:
GPS Drones - Drone in Hindi
ये ड्रोन कुछ हद तक ‘स्मार्ट’ होते हैं। वे सैटेलाइट से GPS के जरिए जुड़े हुए होते हैं और इससे उनकी उड़ान पथ तय करने में मदद मिलती है। वे एक जगह से दूसरी जगह पर आसानी से जा सकते हैं और जब वे कंट्रोल से बाहर निकल जाते हैं, तो वे जीपीएस के माध्यम से ओनर के पास वापस नेविगेट कर सकते हैं।

3) RTF Drones:
RTF Drones - Drone in Hindi
ये रेडी-टू-फ्लाई ड्रॉन्स के रूप में जाने जाते हैं। वे लगभग एक प्लग-एन-प्ले टाइप के ड्रोन हैं। जब आप इसे खरीदते है, तब यह ड्रोन उड़ान भरने के लिए तैयार होता है।

4) Trick Drones:
Trick Drones - Drone in Hindi
छोटे, तेज और गतिशील, चाल के इन ड्रोन को आमतौर पर खिलौने के रूप में उपयोग किया जाता है। वे बैरल रोल, फ्लिप और हवा में अन्य आकर्षक और मनोरंजक करतब कर सकते हैं। आमतौर इनका वज़न हल्का होता है, क्योंकि इनपर कोई भी अतिरिक्त एक्सेसरीज नहीं होती।

5) Delivery Drones:
Delivery Drones - Drone in Hindi
इस टाइप के ड्रोन उन कंपनी में बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं, जिन्हें अपने सामान कि डिवलेवरी करनी होती हैं। डिलिवरी ड्रोन को एक लंगर या बास्‍केट नीचे कि और अटैच होती है जहां पैकेज को चिपकाया और ड्रोन द्वारा ले जाया सकता है।

6) Photography Drones:
Photography Drones - Drone in Hindi
इन ड्रोनों में एक कैमरा / वीडियो कैमरा लगा होता है। ये कैमेरा एचडी क्‍वालिटी के होते हैं, जो ऊचाई से भी क्लियर तस्वीर ले सकते हैं।
इन ड्रोन को, विशेष रूप से कैमरों को कठोर मौसम से होने वाले नुकसान को सहन करने के लिए बनाया गया जाता है।

7) Racing Drones:
Racing Drones - Drone in Hindi
रेसिंग ड्रोन प्रति घंटे 60 मील प्रति घंटे तक की स्‍पीड तक पहुंच सकता है और इसका उपयोग ड्रोन उत्साही द्वारा प्रतियोगिता और चैंपियनशिप में किया जाता है।

Uses of Drone in Hindi:

आज जब हम व्यावसायिक ड्रोन एप्लीकेशन पर एक नज़र डालते हैं, तो बस कुछ ही उपयोग हमारे सामने आते हैं, जबकि ड्रोन का इस्तेमाल इससे भी व्यापक रूप में होने लगा हैं।
  • Military Operations
  • Professional photography / videography
  • Land surveys
  • Building and structural inspections
  • Real estate sales
  • Forestry management and monitoring
  • Emergency Services
  • Agricultural advancements and automation
  • Law Enforcement
  • Delivery of goods
  • Journalism and filmmaking
  • Surveying of buildings and construction sites
  • Search and rescue

How Drone Works in Hindi:

Vertical Motion-
ड्रोन को ऊपर कि और धक्का देने और कंट्रोल करने के लिए रोटार का उपयोग करते हैं। आप फैन के रूप में एक रोटर को सोच सकते हैं, क्योंकि वे बहुत ज्यादा समान काम करते हैं। स्पिनिंग ब्लेड हवा को नीचे धकेलते हैं। यह रोटर हवा हो नीचे की तरफ धकेलता हैं और उसी समय हवा रोटर को ऊपर कि और धकेलती हैं। रोटर का स्‍पीड जितना ज्यादा होगा उतना ही ड्रोन हवा में ऊपर जाएगा।
उतरने के लिए इसके विपरीत होता है: बस रोटर स्‍पीड कम कि जाती हैं और वह नीचे आने लगता हैं।
अब तक, आपने निश्चित रूप से समझ ही गए होंगे कि प्रत्येक मुवमेंट एक या अधिक रोटार की स्पिन रेट को बदलकर पूरा किया जाता है। ऐसा करने के लिए बस एक कंट्रोलर की आवश्यकता होती है जो प्रत्येक मोटर का वोल्टेज बढ़ा या घटा सकता है। यह सेट अप करने के लिए बहुत मुश्किल नहीं है लेकिन बस इस बात की कल्पना करो-तुम्हारे पास 4 कंट्रोलर वाला ड्रोन है। आपको प्रत्येक मोटर पावर लेवल के लिए एक कंट्रोलर की आवश्यकता होगी।
हालांकि, यदि आपके पास कुछ प्रकार की कंप्यूटर कंट्रोलर सिस्‍टम है, तो आप अपने अंगूठे से एक जॉयस्टिक के सहारे ड्रोन को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं। ड्रोन में एक एक्सीलरोमीटर और जीरोस्कोप प्रत्येक रोटर कि बिजली को मिनट में समायोजन करके उड़ान को आसानी से और स्थिरता को बढ़ा सकता है। एक जीपीएस सिस्‍टम एड करने पर आप पूरी तरह से मानव रहित ड्रोन बना सकते हैं।
तो आप देख सकते हैं कि एक ड्रोन उड़ाना बहुत आसान है अगर आप कंप्यूटर को सभी काम करने देते हैं। लेकिन इसके पीछे फिजिक्‍स को समझना अभी भी अच्छा है।

क्या आपको ड्रोन खरीदना है?

यदि आप अपना पहला ड्रोन खरीदने में दिलचस्पी रखते हैं, तो इसके तीन गुण हैं जिन्हें आपको तलाश करना चाहिए: (1) सस्ता, (2) मज़बूत, और (3) उपयोग में आसान। एक ड्रोन को तीन व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
i) Ready to fly (RTF):
यह ड्रोन एक बॉक्स में एक कम्पलीट और असेंबल्ड पैकेज के रूप में आते हैं, जिसमें ड्रोन और आवश्यक कंट्रोलर शामिल होते हैं।

ii) Almost ready to fly (ARF)
यह ड्रोन उड़ान भरने के लिए लगभग तैयार होते हैं और इसमें आपके ड्रोन को उड़ने के लिए सभी आवश्यक कंपोनेंट भी होते हैं, लेकिन इसमें कुछ पार्ट को असेंबल करना होता हैं।
यह अभी भी काफी सरल है कि आप दिए गए निर्देशों का पालन कर सकते हैं जो पैकेज के साथ आते हैं।

iii) Bind-and-fly (BNF):
यह ड्रोन पूरी तरह से असेंबल्ड होते हैं लेकिन कंट्रोल के लिए आवश्यक रेडियो कंपोनेंट्स इसमें शामिल नहीं होते। इन्हें अलग से बेचा जा सकता है, और आपकी आवश्यकताओं के अनुसार कस्‍टमाइज़ किया जा सकता है।

अपने ड्रोन को फ्लाइ करने से पहले कुछ टिप्‍स:

1) ड्रोन उड़ान कानूनों को जानें:
आप कहां पर हैं, आप अपने ड्रोन उड़ाने शुरू करने से पहले आपको स्थानीय कानूनों पर विचार करना पड़ सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि आपके ड्रोन का वजन 0.55 एलबीएस से अधिक है, तो आपको ड्रोन ऑपरेटर के रूप में रजिस्टर करना चाहिए। इसके साथ ही स्थानीय कानून कि अधिकतम ऊंचाई भी होती हैं, जहां तक ही आप ड्रोन को उड़ा सकते हैं। इसके साथ ही कुछ जगह पर आप केवल दिन में कुछ घंटे ही ड्रोन को उड़ा सकते हैं। तो कुछ जगह पर ड्रोन के लिए पाबंदी होती हैं।
इन सभी बातों का अभ्यास करें और अपना शोध करें, नहीं तो फिर आपको दंडित किया जा सकता है या आपके ड्रोन को जब्त कर सकते हैं।

2) अभ्यास के लिए एक सुरक्षित स्थान चुनें:
शुरुआत में, दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना को कम करने के लिए बेहद अनुकूल परिस्थितियों में अभ्यास करना बेहतर होता है। ऊंची बिल्डिंग और बिजली के तारों जैसे अवरोधों से मुक्त बड़ी, खुली जगह में ड्रोन उड़ने का अभ्यास करें। बिना हवा के साफ दिनों के दौरान उड़ने का अभ्यास करना बेहतर है।
Drone शब्द के कई भिन्न अर्थ हैं और यह पुराने अंग्रेजी शब्द ड्रान से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘नर मधुमक्खी’। लेकिन जब एक बिजली के डिवाइस के रूप में एक ड्रोन के बारे में बात करते हैं, तो हम मिसाइल या रिमोट-कंट्रोल पायलट विरहित विमानों के बारे में सोचते हैं।
Aviation और Space में, एक ड्रोन किसी बिना पायलट के विमान या अंतरिक्ष यान को रेफर करता है। इसके लिए एक अन्य शब्द हैं, और वह हैं “Unmanned Aerial Vehicle” या UAV है।